लाइब्रेरी में जोड़ें

क्या कसूर था आखिर मेरा ? भाग ४


आखिर कहा जा सकती है दोनो की दोनो । इतनी दूर तो नही है गांव जो इतना समय लग रहा है । भगवान ना करे कोई अनहोनी तो नही हो गई मेरा ह्रदय विचलित हो रहा है। कुछ दिन बाद मंजू की सगाई है भगवान ना करें कोई अनहोनी हो जाए । हम तो किसी को मूंह दिखाने के काबिल भी नही रहेंगे ।

शुभ शुभ बोल मंजू की मां । भगवान की किरपा से दोनो लड़किया सही सलामत  वापस आ जायेगी ।

काफी देर बाद जब अंधेरा और बड़ने लगा । क्या कहते है भाईसाहब गांव वालो को इक्ट्ठा करके ढूंढने चले क्योंकि रात होने वाली है क्या पता कही रास्ते में कुछ हो गया हो दोनो को

अंजली के पिता ने कहा।

आप सही कह रहे है। अब हमे यू हाथ पर हाथ रखकर नही बैठना चाहिए जवान बेटियां है उन्हे जल्द से जल्द ढूंढना होगा वर्ना कोई ऊंच नीच हो गई तो गांव वाले जीने नही देंगे । मंजू के पिता ने कहा।

और वो दोनो बाहर निकल आते है । बाहर कुछ गांव के लोग भी आ पहुंचे क्योंकि गांव में कोई भी बात जंगल में लगी आग की तरह फैल जाती है ।

परेशान मत हो तुम दोनो हम सब तुम्हारे साथ है वो सिर्फ तुम्हारी बेटियां नही है पूरे गांव की बेटियां है । उनमें से एक आदमी कहता है । और वो सब हाथ में मशाल  उठाए बाहर निकल ही रहे होते है कि तभी अचानक उनकी नज़र एक दूर से भागती हुई लड़की पर पड़ती है ।


अरे ये तो मंजू है।  पर ये इस तरह भाग क्यू रही है गांव वालो ने उसे देख कर कहा ।

मंजू नजदीक आकर ।

दुर्जन को चिपट जाती और कहती हाफ्ते हाफ्ते । काका ,,,,,, काका । अंजली ,,,,,, अंजली अंजली को बचा लो वरना वो ,,,,,, अंजली अंजली ।

क्या हुआ बेटा मेरी अंजली को । कहा है वो । इसको पानी पिलाओ दुर्जन कहता है 

मंजू पानी पीकर रोते हुए दुर्जन को दोबारा गले लगा लेती है । काका अंजली को वो अर्जुन उठा कर ले गया जब हम बाज़ार से आ रहे थे।

अर्जुन कोन अर्जुन   मेरी बेटी से उसका भला  क्या काम दुर्जन ने घबरा कर  पूछा 


अर्जुन तो साहूकार के बेटे का नाम है जो अभी शहर से आया है और बिल्कुल अपने बाप की तरह है ज़ालिम कही तुम उसकी तो बात नही कर रही हो वहा खड़े एक आदमी ने कहा 

जी काका वही अर्जुन साहुकार का बेटा । मंजू कहती है 

भला उसका मेरी बेटी से क्या वास्ता वो उसे क्यू नुकसान पोहचाना चाहता है । दुर्जन ने पूछा मंजू से 

काका वो बात कुछ यू है । मंजू ने डरते डरते कहा

क्या बात है बेटा जब तक वजह पता नही चलेगी तब तक कोई भी अंजली को नही ढूंढ सकता  दुर्जन कहता है 

काका बात कुछ हफ्ते पहले की है जब अर्जुन अंजली से मिला था और वो एक बेचारे गरीब आदमी पर जुल्म कर रहा था तभी अंजली ने उसका हाथ रोक लिया और उस आदमी को बचा लिया लेकिन उस दिन से अर्जुन अपनी बेइज्जती का बदला लेने के लिए अंजली के पीछे पड़ गया । कुछ दिन पहले स्कूल से लोट ते वक्त भी उसने हमे रास्ते में दबोच लिया था लेकिन उस दिन हम बच गए क्योंकि अंजली ने  पत्थर से उसका माथा फोड़ दिया था । हम समझे की वो शांत हो गए लेकिन आज उन्होंने एक जाल बिछा कर हम दोनो को पकड़ लिया ।

मैं अंजली को बचाना चाहती थी लेकिन उसने मुझे भाग कर गांव से मदद लाने को कहा इस लिए मैं वहा से भाग आई मेरे पीछे भी कुछ गुंडे लग गए थे लेकिन मैं उनको चकमा दे कर भाग आई ।


हे ! भगवान इतना सब कुछ होता रहा तुम दोनो के साथ और तुमने हमे बताना जरूरी भी नही समझा । मंजू की मां ने गुस्से में कहा 


मां मैं चाहती थी की बता दूं लेकिन अंजली ने मना कर दिया था क्योंकि आप लोग और ये गांव वाले हमे ही गलत समझते ना की उस को । हमारे पैरो में ही बेडिया डाली जाती और जो चंद पल हमे आजादी के मिले थे शादी से पहले वो भी छिन जाते ।

हमारी पढाई छूट वा दी जाती और अम्मा आप तो बदनामी के डर से हमारी सगाई के बजाए शादी ही करवा देती । और काका आप भी तो जानते है ना अंजली की दादी को क्या वो ये सब जान कर कि बाहर एक आवारा लड़का उनकी बेटी के पीछे पड़ा है वो उसे स्कूल जाने देती बल्कि और पाबंदियां लगा दी जाती उसके और मेरे साथ । बस यहीं वजह थी कि हम ने किसी को कुछ नही बताया ।


लेकिन अब बता रहीं हू इसमें हम दोनो का कोई कसूर नही है पिता जी ।


अंजली सिर्फ तुम्हारी बेटी नही है दुर्जन वो पूरे गांव की बेटी है। आज अगर उसे कोई उठा ले गया है तो कल हमारी बेटी को भी ले जा सकता है। हम सब अभी के अभी साहूकार के घर जाएंगे । वह जरूर जानता होगा कि उसका बेटा कहां है । और वह उसे कहां लेकर गया है।  वहां खड़े एक आदमी ने कहा ।


मैं भी चलूंगी काका आपके साथ। ताकि साहूकार  को बता सकूं कि उसका बेटा हमें कितने दिनों से परेशान कर रहा है। मंजू कहती है


उसके बाद सब गांव वाले हाथ में मशाल लेकर साहूकार के घर की तरफ बढ़ते हैं ।


सरपंच के घर पहुंच कर वहां दरवाजे पर खड़े दरबान से गांव वालों ने कहा दरवाजा खोलो हमें अंदर जाकर साहूकार से मिलना है।


अंजलि के पिता  दरबान का गिरेबान पकड़ कर कहते हैं हैं अपने मालिक को बुला कर लाओ और उससे कहो मेरी बेटी को कहां छुपा कर रखा है तेरे बेटे ने 


दरबान घबराए हुए हालत में साहूकार के कमरे में आता है मालिक मालिक बाहर गांव वाले हाथ में मशाल लिए दरवाजे पर खड़े हो गए है वह  आपसे मिलना चाहते हैं काफी क्रोधित नजर आ रहे है । उनमें से एक आदमी ने मेरा गिरेबान पकड़ कर कहा की जाकर अपने मालिक से पूछो की उनके बेटे ने मेरी बेटी को कहां छुपा रखा है।


दरबान की यह बात सुनकर साहूकार ने अपनी पत्नी की तरफ क्रोध भरी नजरों से देखा तुम्हारा लाडला बेटा कहां है क्या तुम्हें पता है


साहूकार की पत्नी घबराते हुए और उससे नजरें चुराते हुए बोली अर्जुन तो शहर गया है अपने दोस्तों के साथ गांव वालों को कुछ गलत फहमी हुई है या फिर वह लोग झूठ बोल रहे हैं भला अर्जुन का एक गांव की लड़की से क्या काम।

अब यह तो बाहर जाकर ही मालूम होगा की गांव वाले झूठ बोल रहे हैं या तुम्हारे लाडले ने तुम्हें बेवकूफ बना दीया याद रखना अगर तुम्हारे बेटे की वजह से मुझे इलेक्शन मैं हार का सामना करना पड़ा तो मैं तुम दोनों मां बेटे को गोली से उड़ा दूंगा बिना एक भी बार सोचे और समझे साहूकार अपने पत्नि  से यह सब कहकर दरबान के साथ बाहर आ गया


साहूकार बाहर आकर क्या हुआ है तुम सब लोगों को क्यों मेरे दरवाजे पर शोर मचा रहे हो आखिर क्या चीज खो गई तुम्हारी जो मेरे दरवाजे पर आए हो।


 दुर्जन गुस्से में बोला कहां छुपा रखा है अपने बेटे को उससे कहो सामने आए वरना हम सब उसको यही जिंदा जमीन में दफ्न कर दे

 आखिर पता तो चले की बात किया है और रही बात मेरे बेटे की तो वह आज सुबह ही अपने दोस्तों के साथ शहर के लिए रवाना हो गया था। साहूकार ने कहां


तब वहां खड़े एक आदमी ने बताया कि तुम्हारा बेटा अर्जुन कई दिनों से इन दोनों लड़कियों अंजलि और मंजू को परेशान कर रहा है क्योंकि अंजलि ने मुझे तुम्हारे बेटे के जुल्म से बचाया क्योंकि मेरा सब्जी का ठेला उसकी गाड़ी से टकरा गया था जिसकी वजह से वह मुझे जानवरों की तरह बीच बाजार मैं मार रहा था लेकिन अंजलि जो एक बहादुर लड़की है उसने अर्जुन का सामना किया और मुझे उसकी मार से बचाया और उस दिन से ही  अर्जुन अंजलि का दुश्मन बन बैठा 


यह काका सही कह रहे हैं मैं मंजू अंजलि की सहेली हूं जो उस दिन अंजलि के साथ थी उस दिन के बाद अर्जुन ने हमारे ऊपर आज से पहले एक और हमला किया जिसमें अंजलि ने उसके सर मैं पत्थर मारा जिसकी वजह से वह बेहोश हो गया और हम लोग वहां से बच निकले लेकिन आज जब हम पास वाले गांव से  सामान खरीद कर ला रहे थे तब अर्जुन और उसके दोस्तों ने एक जाल बिछाकर हमारा पीछा किया और हमें उस जाल में फसा लिया और अंजलि को उठा कर ले गए


लेकिन मैं उनके चुंगल से बच निकली और उनको चकमा देकर जंगल के रास्ते से गांव आ गई मैं नहीं जानती की अर्जुन और उसके दोस्त अंजलि को कहां लेकर गए है लेकिन मैं इतना जानती हूं की अगर उसे जल्दी नहीं ढूंढा तो भगवान ना करें वह अंजलि को कहीं मुंह दिखाने के काबिल नहीं छोड़ें गा क्योंकि उसका गुस्सा अंजलि के लिए मैंने उसकी आंखों में देखा है।


साहूकार ने उन दोनों की बात सुनकर अपने पत्नी की तरफ  गुस्से से देखा वह समझ गया था की कुछ दिन पहले जो अर्जुन को माथे मैं चोट आई थी उसकी वजह यही थी ना की उसकी वह बनाई हुई झूठी कहानी उसने गांव वालों को हौसला दिया की वह जानता है की अर्जुन अंजलि को लेकर कहां जा सकता है।


वह अंदर घर से अपनी दोनाली बंदूक लेने गया उसको बंदूक उठाता देख उसकी पत्नी उसके पैरों में रोते हुए गिर गई और बोली भगवान के लिए उसे माफ कर दो जवान खून है और हमारा बुढ़ापे का आखरी सहारा और आपके वंश को आगे बढ़ाकर लेकर जाने वाला भगवान के लिए उसे माफ कर दीजिए मैंने उसे समझाया था की इलेक्शन से पहले कोई भी ऐसी वैसी हरकत ना करें लेकिन आजकल की औलाद मां बाप की सुनती ही कहां है।


नहीं आज नहीं आज या तो वो रहेगा वह रहेगा या फिर मैं उस नामाकूल की वजह से आज यह दो कौड़ी के गांव वाले मेरे दरवाजे पर आकर मेरे दरबान का गिरेबान पकड़ कर मुझे अंदर से बाहर बुला रहे हैं जो गांव वाले  मेरे नाम से ही डरते थे आज वह मेरे सामने खड़े होकर मुझे बता रहे हैं की वह और उनका बेटा कितना जालिम है आज तक मैं उसकी हर गलती माफ करता चला आया जो कुछ भी वह शहर में करता लेकिन अब नही ।


अगर उस लड़की को कुछ हो गया और गांव वाले मेरे खिलाफ हो गए तो मेरे राजनीति में आने का सपना चूर चूर हो जायेगा और ये सब तुम्हारी उस नालायक औलाद की वजह से होगा मैं जा रहा हू दुआ करो की वो लड़की सही सलामत हो वरना आज इस बंदूक मे जितनी भी गोलियां है सब तुम्हारे बेटे के सीने में उतार दूंगा ।


ये कह वो बाहर आता है गाड़ी निकालो और फॉर्महाउस की तरफ चलो वो नामाकूल वही गया होगा अपने दोस्तों के साथ 


और इस तरह वो गांव वालो के साथ अपने फॉर्महाउस की तरफ निकल पड़ ता है 



साहूकार की पत्नि अपने भाई कमलेश जो की एक इंस्पेक्टर होता है को फ़ोन लगाती है । क्या हुआ जीजी सब ठीक तो है जीजा जी और भांजा । कमलेश फ़ोन पर पूछता है ।

कुछ ठीक नही है कमलेश ना मैं  न तुम्हरे जीजा जी और ना हमरा बेटा । तुम्हारे जीजा जी गए है बंदूक लेकर उसके पीछे फॉर्महाउस कह रहे है उसे जान से मार देंगे ।

क्या हुआ जीज्जी थोड़ा सास तो लो और आराम से बताओ क्या हुआ है वहा । कमलेश पान थूकते हुए कहता है ।

कमलेश अब तुम ही मेरे बेटे को बचा सकते ही उसके पिता से वो क्या है ना तुम्हारा भांजा तुम तो जानते ही हो उसे अगर कोइ चीज पसंद आ जाए या फिर कोई उसके साथ कोई बदतमीजी करे तो वो उसका क्या हाल करता है ।


जाने है जिज्जी आख़िर भांजा किसका है । इंस्पेक्टर कमलेश तिवारी का हम पर नही जाएगा तो किस पर जायेगा लागे है किसी छोरी का चक्कर है गांव की छोरी भगा ले गया शायद जो जीजा जी इतने गरमा रहे है । क्योंकि अगले महीने इलेक्शन भी तो है और गांव वालो का साथ ना मिला तो असेंबली तक पोहोचने का उनका ख्वाब अधूरा रह जायेगा इसी लिए गुस्या रहें है लल्ला पर 


यही बात है कमलेश वो गांव की एक लडकी को उठा कर अपने साथ फॉर्महाउस पर ले गया है और गांव वाले घर पर आए थे और  लडकी के बाप ने  दरबान का गिरेहबान पकड़ लिया था जिसकी वजह से तुम्हरे जीजा बोहोत गुस्सा है लल्ला पर ।की जो गांव वाले उसकी हवेली पर पाव रखने से डरते थे । आज उनकी इतनी हिम्मत हो गई की वो मेरे दरबान का गिरेहबान पकड़ कर मुझे बाहर बुला रहे है । साहुकार की पत्नि कहती है 


तुम परेशान मत हो जिज्जी तुम्हरा भाई अभी जिंदा है लल्ला को भी बचा लेगा और जीजा जी को भी इस मुसीबत से निकाल लेगा । बस जीजा जी से कहना कुछ बक्शीस करदे हम गरीबों पर तो हमारा भी भला हो जायेगा कमलेश कहता है।


तू सुधरना मत हर मौके से फायदा उठाया कर । पता है तेरे जीजा कितने परेशान है और तू है की उनको लूटने पर तुला है । उसकी बहन कहती है


क्या है ना जिज्जी घोड़ा अगर घास से दोस्ती करेगा तो खायेगा क्या । अब जीजा जी के पास इतनी दौलत का खजाना है की सात पुश्ते बैठ कर खाए तो भी कम ना पड़े । थोड़ा हम गरीबों को दे देंगे तो कोनसा उनके खजाने में कमी आ जाएंगी । कमलेश कहता है 


हा हा  मिल जाएंगे  बस तू अर्जुन को आज उनके हाथ से बचा ले बोहोत गुस्से में है । 


ठीक है जिजजी तुम परेशान ना हो मैं अभी बाप बेटे के बीच सुलह कर वा कर आता हूं फिर घर आकर तुम्हारे हाथ की अदरक वाली चाय पिऊंगा । फ़ोन रखो अब 


फ़ोन रख कर कमलेश ए हरिया कुछ हवलदारों को साथ में ले और मेरे साथ चलो बोहोत आराम कर लिया अब थोड़े हाथ गर्म किए जाए ठीक है साहब मैं अभी सब को बुलाता हूं ।



अब तो वो नदी के पास वाली ज़मीन जीजा जी से अपने नाम कराकर ही रहूंगा कमलेश अपने आप से कहता है और बाहर चला जाता है ।


वही दूसरी तरफ़ अंजली मुझे जाने दो देखना गांव वाले आते ही होंगे मेरी दोस्त अब तक गांव पोहोच गई होगी और उसने गांव वालो को बता भी दिया होगा की किसने मुझे अगवाह किया है ।

। अर्जुन उसके एक थप्पड़ मारता और कहता चुप बैठ तेरी दोस्त मेरे दोस्तो के हाथो बचे गी तब ही ना वो गांव पोहोच पाएगी ।

दरवाजे पर दस्तक होती है । अर्जुन हम है दरवाजा खोल अर्जुन इशारा करता है वहा बैठे एक आदमी को और वो दरवाजा खोलता है ।

क्या हुआ काम तमाम कर आए उस लडकी का अर्जन ने पूछा ।

नही अर्जुन हम शर्मिन्दा है ना जाने वो कहा गायब हो गई जंगल से हमने पूरा जंगल छान मारा लेकीन उसकी कोई खबर नहीं मिली ऐसा लगाता है उसे जमीन निगल गई या फिर आसमान खा गया हमे माफ़ कर दे ।


अर्जन गुस्से में केसे मर्द हो तुम सब तुम से एक लड़की नही ढूंढी गई जानते हो ना अगर वो गांव पोहोच गई तो मेरा बाप मुझे गोली से उड़ा देगा 

ऐसा कुछ नही होगा हो सकता है बेहोश हो कर कही गिर गई हो और अब उसे कोई जंगली जानवर अपनी खुराक बना ले । उनमें से एक दोस्त ने कहा 

कितने जालिम लोग हो तुम अगले हफ्ते उसकी सगाई है । मेरी दोस्त मेरी वजह से मुसीबत में पड़ गई हे ! भगवान मंजू की मदद करना उसे कुछ मत होने देना वरना मैं खुद को कभी माफ़ नही कर पाऊंगी अंजली ने रोते हुए कहा । मुझे जाने दो मैं तुम्हारे पाव पड़ती हूं ।


तूने मुझे ललकारा था मेरा हाथ पकड़ा था बोहोत शेरनी बन रही थी अब बोल केसा लग रहा है यहां भीगी बिल्ली की तरह जब मुझसे माफ़ी की भीख मांग रही है ।


ए चलो तुम लोग सब तैयारी करो जशन की आज रात को हसीन बनाते है इस हसीना के साथ शराब लाओ ।
अर्जुन कहता है ।


भगवान के लिए मुझे जाने दो मेरे पिताजी परेशान हो रहे होंगे तुम्हे भगवान का वास्ता । वो रोती रहीं लेकीन अर्जुन और उसके दोस्त शराब में मग्न थे ।


तभी अचानक बाहर कुछ रोशनी हुई । बाहर क्या हो रहा है उनमें से एक दोस्त ने कहा ।

अर्जुन ने खिड़की का पर्दा हटा कर देखा तो गांव वाले हाथ में मशाल लिए फॉर्महाउस की तरफ़ आ रहें होते है और उसके पिता  हाथ में बंदूक थामे गुस्से में गाड़ी में बेठे थे।

अर्जुन ये देख घबरा जाता है और एक दोस्त जो की मंजू के पीछे गाया था उसका गिरेहबान पकड़ कर चेहरे पर एक घुसा मारता और कहता साले तू तो कह रहा था की वो बेहोश होकर कही गिर गई होगी और जंगली जानवर उसे खा लेंगे । हा अर्जुन ऐसा ही हुआ होगा उस लडके ने कहा


अर्जुन एक मुक्का उसके पेट में मारता और कहता अगर उसे जंगली जानवर खा गाया तो फिर गांव वालो और मेरे पिता को क्या उसकी आत्मा ने खबर दी जो इस तरफ मेरे खून के प्यासे बने आ रहें है आज मेरे बाप से मुझे कोई नही बचा सकता अब तो मां भी नही बचा सकती 


अंजली अर्जुन की हालत देख मुस्कुराती और कहती क्यों निकल गई सारी मर्दानगी कहती थी ना मेरी दोस्त गांव वालो को ले आएगी ।

अर्जुन गुस्से में उसके दोबारा चाटा मारता और कहता देख लूंगा तुझे ।

अर्जुन अब क्या करेंगे ये गांव वाले तो हमे जिंदा जला देंगे उसके दोस्तो ने कहा । तभी बाहर से आवाज़ आती है ।


अर्जुन बाहर निकल आज या तो तू बचेगा या मैं । मैं जानता हूं तू अन्दर ही है अगर उस लड़की को कुछ करा तो मैं तुझे जिंदा दफ्न कर दूंगा और तेरी मां को भी जिसने तुझे बिगाड़ा है ।

अर्जुन अपने पिता  की ये आवाज़ सुन कर घबरा जाता है । आज तो मेरा बाप मुझे मार कर ही दम लेगा । तभी उसे बाहर पुलिस के सायरन की आवाज आती है । पुलिस अब क्या होगा उसके दोस्त घबरा जाते है ।


घबराओ नहीं मुझे देखने दो अगर मामा जी होंगे तो बच गए जरूर मां ने भेजा होगा कमलेश मामा को और ये कह कर वो खिड़की से बाहर झांकता है ।


जीजा जी आप काहे यहां आ गए हमे बुला लिया होता काहे खुद को तकलीफ दे रहें है ।


बच गाए अब देखना मामा जी हमे पिता जी से बचा लेंगे अर्जुन कहता है ।


बता दिया तुम्हारी बहन ने तुमको । का जीजा जी हमे नही बताएगी तो किसको बताएगी एक ही तो भाई है उसके हम और अर्जुन हमारा भी भांजा है भांजा मुश्किल में हो और मामू ना आए तो अच्छा थोड़ी लगाता है । हर मामा कंस थोड़ी होता है ।  बस दुआ करें की आपके बेटे ने उस के साथ कुछ कर ना दिया हो वरना आप असेंबली में तो क्या गांव के सरपंच भी नही बन सकते कमलेश ने चरण सिंह से कहा ।


इंस्पेक्टर साहब इंस्पेक्टर साहब मेरी बेटी अन्दर ही है इनका बेटा उसे उठा लाया है मेरे पास गवाह भी है । दुर्जन ने कमलेश से कहा 

अभी पता चल जाएगा कि इनका बेटा अन्दर है की नही कमलेश कहता है ।

जिंदा नही छोड़ेंगे उसे हमारे गांव की बहन बेटियों को उठाता है हम उसे यही दफ्न कर देगें गांव वालो ने गुस्से में कहा 

कमलेश अन्दर गाया जहा अंजली बंद थी । मामा जी अच्छा हुआ आप आ गए वरना तो पिता जी मुझे आज अपनी बंदूक की गोली का निशाना बना लेते ।

परेशान मत हो तुम ये बताओ उस लडकी के साथ तुमने कोई जबरदस्ती या फ़िर समझ रहें हो ना मैं क्या कहना चाह रहा हूं । कमलेश कहता है ।

जी मामा जी मैं समझ रहा हूं  मेने और मेरे दोस्तो ने उसे कोई नुकसान नही पोहचाया बस मेने उसको थप्पड़ मारे है दो चार अगर गांव वाले नही आते तो शायद हम कुछ कर देते उसके साथ लेकीन अभी तक कुछ नही किया क्योंकि उसके साथ जो लडकी थी वो बच कर भाग गई थी और उसी ने गांव वालो को मेरे बारे में बताया ।

बरखुद्दार अपनी जवानी को थोड़ा काबू में रखा होता ये तुम्हारा शहर  नही है  । ये गांव है यहां पर ऐसी हरकत करोगे तो गांव वाले तुम्हे जिंदा जला देंगे और तुम्हारी वजह से तुम्हारे पिता का भी राजनीतिक करियर खतरे में आ सकता है ।

अब तुम यहीं रहो जब तक मैं ना बुलाउ बाहर मत आना वरना गांव वाले तुम्हे मार देंगे अभी तो तुम्हारे पिता को भी समझाना है । कमलेश कहता है 

जैसा आप को ठीक लगे मामा जी अर्जुन कहता है।

साहब लडकी मिल गई काफ़ी डरी हुई है आप कहे तो बाहर ले जाऊ एक दरोगा ने आन कर कहा ।

हा रुको मैं भी चल रहा हूं तुम्हारे साथ कमलेश कहता है

बाहर आकर अंजली अपने पिता से चिपट कर खूब रोती और कहती पिता जी आप आ गए मैं बोहोत डर गई थी मुझे यकीन था की आप मुझे बचाने जरूर आएंगे । केसे नही आता तुझे बचाने के लिए अगर मूझे पाताल लोक भी जाना पड़ता तब भी मैं जाता ।


कहा है वो नालायक बाहर क्यों नही आ रहा डर क्यों रहा है अपने बाप से आज तो मैं उसे जान से मार दूंगा मेरी इज़्ज़त नीलाम कर दी इस नामाकूल ने । चरण सिंह कहता है ।

गांव वाले भी उसे बाहर निकालने का शोर करते है ।
कमलेश कहता है अब वो हमारी हिरासत में है उसे कानून सजा देगा लेकीन उससे पहले मुझे अपने जीजा से कुछ जरूरी बात करनी है ।


क्या आप मेरे साथ चल रहें है जीजा जी कमलेश पूछता है । हा चलो क्या बात है बताओ चरण सिंह कहता है


जीजा जी मेरे प्यारे जीजा जी बच्चों से जवानी में गलती हो जाती है इसका मतलब ये तो नही की उन्हें मार कर सजा दी जाए जबकि वो आपका इकलौता वारिस हो और उसके बाद आपका कोई नाम लेने वाला ना हो । कमलेश कहता है 

तुम्हारा मतलब क्या है कमलेश साफ साफ बताओ । चरण सिंह कहता है ।

जीजा जी मैं बस इतना चाहता हूं की लल्ला को माफ़ कर दो बस ।

माफ़ कर दू जिससे गांव वाले मुझे अगले इलेक्शन में वोट के बजाए अंघूटा दिखा दे और मेरा राजनीतिक कैरियर मिट्टी में मिल जाए । चरण सिंह कहता है

जीजा जी आप तो बोहोत सीधे निकले में तो आपको बोहोत समझदार समझता था भला कोई एक मामूली सी लडकी के खातिर अपने इकलौते बेटे को गोली मारता है शहर में इस जेसी हमरे भांजे के आगे पीछे फिरती है हम खुद देखे है जब शहर गए थे ।

तो फ़िर कोई और रास्ता है तुम्हरे पास हमे इस मुसीबत से निकालने का चरण सिंह कहता है।

जीजा जी मेरे प्यारे जीजा जी आपका साला है ना ये कब काम आएगा बस क्या है ये दिमाग चलता तो है लेकीन इसमें जब तक कुछ बाहर से ना डाला जाए तो ठीक से काम नही करता कमलेश कहता है

समझ गया मैं । आख़िर आ गए ना  अपनी औकात पर बिना तुम्हे चारा डाले तो तुम दूध देने से रहे बताओ अब क्या चाहिए तुम्हे । चरण सिंह गुस्से से कमलेश की तरफ़ देखता हुआ कहता है ।

ऐसे मत देखिए जीजा जी हमे डर लगता है । बस कुछ ज्यादा नही चाहिए वो जो नदी के पार वाली पच्चीस एकड़ ज़मीन है ना वो हमारे नाम कर दीजिए ।

नही हरगिज नहीं वो जमीन तुम्हे नही दूंगा वो तो खुद मैने हरिया के बाप से रातों रात हथ्यायी थी । चरण सिंह कहता है ।

जीजा जी क्या करेंगे आप इतनी संपत्ति का थोड़ी हम जैसों को खैरात कर दे देखले जीजा जी मेरे पास एक मस्त प्लान है जिससे आपका बेटा भी बच जाएगा और गांव वालो का वोट भी आपको ही जाएगा अब आप सोच ले की आप को बेटा चाहिए , असेंबली में सीट या फिर वो पच्चीस एकड़ ज़मीन ।

चरण  सिंह काफ़ी देर सोचने के बाद । चलो दी वो जगह तुम्हे अब बताओ क्या मंसूबा है । ऐसे नही जीजा जी जुबानी कही कल को आप मुकर गए तो । कमलेश कहता है ।

तुम्हे मुझपर भरोसा नही अपने जीजा पर चरण सिंह गुस्से में कहता है ।

जीजा जी आप पर तो पूरा भरोसा है लेकीन नेताओ पर नही वो अकसर जनता से किए वादे भूल जाते है और आप तो अब वैसे ही असेंबली के सदस्य बन जाएंगे इलेक्शन के बाद आप का क्या भरोसा मुझे पहचानो भी या नहीं 

बोहोत ही चालाक लोमड़ी की फितरत है तुम्हारे अन्दर ना जाने क्या खाया था तुम्हारी मां ने तुम्हे पैदा करते समय जो अपने जीजा को भी लूटने से बाज नही आते हो चरण सिंह कहता है

क्या करें जीजा जी काम ही ऐसा है बिना रिश्वत लिए दिमाग चलता ही नही है । अब चाहें वो रिश्तेदार हो या फ़िर कोई गैर कमाई तो करना ही पड़ती है । आज कल सैलरी में गुजारा कहा होता है । ये ले उस ज़मीन के कागजात और साइन कर दे ताकी उसका मालिक मैं बन सकू कमलेश कहता है ।

ये दस्तावेज तुम्हे कहा से मिले ये तो मेरी अलमारी में रखे थे । चरण सिंह ने कहा ।

जीजा जी अब क्या करेंगे आप जान कर की ये मुझे कहा से मिले अब ये अपने असली मालिक के पास है साइन करे और वो जगह मेरे नाम करे देखे गांव वाले इतंजार कर रहें है ।

 चरण सिंह उन पर ना चाहते हुए भी साइन कर देता है । अब बताओ केसे बचाओ गै उसे ।

जीजा जी अब मेरी बात ध्यान से सुने मैं अर्जुन और उसके दोस्तो को एक लड़की को अगवाह बनाने के जुर्म में गिरफ्तार कर लूंगा और छ माह के लिए  शहर की जैल में भेज दूंगा जहा उसका खूब ध्यान रखा जाएगा बिलकुल घर जैसा आप और जीजी मिलने भी जा सकते हो उससे । इस तरह गांव वालो का भरोसा भी जीत लोगे आप की जब चौधरी चरण सिंह ने अपने बेटे को गांव की लड़की को परेशान करने के जुर्म में कानून का साथ दिया और उसे सलाखों के पीछे डाल दिया तो वो और दोषियों के साथ भी ऐसा ही करेगा जिसकी वजह से गांव में आपकी इज़्ज़त बड़ जाएगी और सारा वोट आपको मिल जायेगा सांप भी मर जायेगा और लाठी भी नही टूटेगी ।

केसा लगा मेरा विचार कमलेश कहता है 

क्या गांव वाले राज़ी हो जाएंगे उसे जैल में भेजने को क्या वो लड़की जिस के साथ उसने गलत काम करने की कोशिश की उसके घर वाले और वो माफ़ कर देगें चरण सिंह ने पूछा।

जीजा जी कानून के आगे गांव वाले क्या ही कर सकते है और वैसे भी अर्जुन ने उसका कोई बलात्कार तो क्या नही है  अगवाह किया था । और किसी को अगवाह करने की जो सजा कानून में है वो हम अर्जुन को दे रहें है अब उसे गोली से तो नही उड़ा सकते अब आप ही बताए कमलेश कहता है ।

चलो फिर जल्दी खत्म करो इस मामले को चरण सिंह कहता है ।


दोषियों को ले आओ अब उनकी सजा का वक्त है । कमलेश कहता हुआ वहा से आया चरण सिंह भी उसके पीछे पीछे आ रहें थे।


हा तो लड़की तू बता इसने तेरे साथ क्या क्या किया सब को बता ताकि इसे सजा मिल सकें । कमलेश ने अंजली से पूछा 

क्या इसने तुझे अगवाह किया था ? 

अंजली डरते हुए हा इसने मुझे अगवाह किया 

अच्छा। ओर इसने तुझे मारा 

जी थप्पड़ मारे और छोटी खींची अंजली ने बताया

और इसके अलावा और तो कुछ नही करा ना इसने मेरा मतलब है कि तेरे नजदीक तो नही आया तूझे जबरदस्ती छुआ तो नही तू समझ रही है ना मैं क्या पूछने की कोशिश कर रहा हूं ।


अंजली ने अपने पिता की आखों में देख कर । बोल बेटी देख हम सब तेरे साथ है अगर इसने कुछ ऐसा वैसा किया होगा तो कानून इसे सजा जरूर देगा । दुर्जन ने कहा ।

नही इसने ऐसा कुछ नही करा । अंजली कहती है 

तो फिर सबके सामने साबित हो गया की ये लडकी आज भी उतनी ही पवित्र है जितनी पहले थी । अब जैसा की इसने बताया की इसको और इसकी दोस्त को अगवाह करने की कोशिश की गई जिसमें इसकी दोस्त भाग निकली लेकीन इस लडकी को अगवाह कर लिया गाया और इसपर कुछ तशददुद किया गाया जिसमें कुछ थप्पड़ और चोटी को खींचना बताया गया है । जिसके लिए कानून इसको छ महीने की सजा और इसके घर वालो को कुछ पैसे जुर्माने के लिए देने होंगे ।


ले जाओ इस नालायक को सलाखों के पीछे डाल दो इसने मेरे गांव की बेटी की इज़्ज़त पर हाथ डालने की कोशिश की थी इसका यही अंजाम होना था चरण सिंह अर्जुन के थप्पड़ मारते हुए कहता है ।


अंजली भी अर्जुन के एक खींच कर थप्पड़ मारती और कहती तुम जेसे भेड़ियों की वजह से हर साल हजारों लड़कियों के ख्वाब तोड़ कर उन्हे जबरदस्ती शादी के बंधन में बांध दिया जाता है ताकि तुम जैसे भेड़िए उनको अपनी हवस का शिकार ना बना ले और उनके मां बाप को जीते जी मार दे । अब तुम्हे अकल आ गई होगी की किसी लडकी की इज़्ज़त पर हाथ डालने का क्या अंजाम होता है इंस्पेक्टर साहब ले जाए इसको यहां से और जैल की सलाखों के पीछे बंद कर दे ।


अंजली अपने पिता के सीने से लग कर खूब रोती और कहती पिता जी मुझे माफ़ कर दीजिए मैंने आपको ना बता कर बोहोत गलती की 

मत रो मेरी बेटी मंजू ने हमे सब बता दिया कि क्यो तुम दोनो ने हम से ये बात छुपाई । और तुम्हारी सोच सही थी तुम पर ही हम लोग बंदिश लगा देते । लेकीन अब मुझे पता चल गया मेरी बेटी बहादुर है चलो घर चलो दादी इतंजार कर रही होगी ।


घर पोहोच ते ही ,,,,,,,



   22
2 Comments

The traveller

26-Mar-2022 01:39 AM

Nicely written

Reply

Arman Ansari

31-Jan-2022 05:21 PM

आज कल के माहौल को दिखाती हुए आपकी कहानी

Reply